गुज़र जाएगी हर तकलीफ मेरी,
मंजिल पाते पाते।।
हुआ जो दर्द कभी,
सह लेंगे जाते जाते।।
हुआ जो दर्द कभी,
सह लेंगे जाते जाते।।
कभी पत्थरो से उलझ जाएंगे कदम,
कभी कांटो की चुभन होगी।।
मिलेंगी रुकावटें हर कदम,
तन्हाई भी मेरी कहीं होगी।।
टेड़े मेढे रास्तो पे,
थक्कन भी कहीं होगी।।
यूँ तो आसान हमारी भी
रहगुज़र ना कहीं होगी।।
कभी कांटो की चुभन होगी।।
मिलेंगी रुकावटें हर कदम,
तन्हाई भी मेरी कहीं होगी।।
टेड़े मेढे रास्तो पे,
थक्कन भी कहीं होगी।।
यूँ तो आसान हमारी भी
रहगुज़र ना कहीं होगी।।
मिले जो रास्तो पे फूल तो पत्ता पत्ता चुन लेंगे,
गुनगुनी धूप में बदलो से कहानियां भी सुन लेंगे।।
तुम्हारी शिकायते भी करेंगे बरसते पानी से,
रातभर चाँद निहारेंगे, तुम्हे भी याद कर लेंगे।।
जानता हूं वक़्त सिमट जाएगा यूँ ही,
में कह दूंगा सब तुम्हे यूँ ही
हाले दिल अपना सुनाते सुनाते।।
गुनगुनी धूप में बदलो से कहानियां भी सुन लेंगे।।
तुम्हारी शिकायते भी करेंगे बरसते पानी से,
रातभर चाँद निहारेंगे, तुम्हे भी याद कर लेंगे।।
जानता हूं वक़्त सिमट जाएगा यूँ ही,
में कह दूंगा सब तुम्हे यूँ ही
हाले दिल अपना सुनाते सुनाते।।
गुज़र जाएगी हर तकलीफ मेरी,
मंजिल पाते पाते।।
हुआ जो दर्द कभी,
सह लेंगे जाते जाते।।
मंजिल पाते पाते।।
हुआ जो दर्द कभी,
सह लेंगे जाते जाते।।
Written by Dev Verma
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